व्यक्तिगत वित्त का फंडा – स्टेप 2: बीमा

                                  

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इस पोस्ट मे मैं आपको बीमा की जरूरतों के बारे मे अवगत कराऊँगा, साथ ही साथ भिन्न प्रकार के बीमा पॉलिसी के बारें मे बात करूंगा | कई बार ये देखा गया है की अपूर्ण जानकारी अथवा जानकारी के अभाव मे कई बार लोग ऐसी बीमा पॉलिसी ले लेते है जिनसे न उन्हे उचित रिटर्न या आय और न ही उत्पन्न आपात स्थिति का उचित कवरेज | सर्वप्रथम आप ये जान ले की कभी भी बीमा और निवेश को मिलाना नही चाहिए , मतलब की आप बीमा और निवेश के लिए अलग अलग साधन चुने जैसे की ऐसा बीमा ले जिसमे सिर्फ एक अच्छा कवरेज मिल जाये जो की आपकी आय , परिवार मे कितने लोग आप मे निर्भर है इत्यादि पे निर्भर करता है| उसके बाद आप निवेश के लिए अलग साधन जैसे एफ़डी आरडी पीपीएफ़ केवीपी इत्यादि चुन सकते है |

आइए हम अब बीमा के बारे मे बात करते है –

बीमा क्या है?

शब्दकोश के अनुसार  बीमा को अनुबंध द्वारा एक कवरेज के रूप में परिभाषित किया गया है, जिसमें एक पक्ष अनुबंध की शर्तों के तहत होने वाली हानि के लिए दूसरे को क्षतिपूर्ति या प्रतिपूर्ति करने के लिए सहमत होता है। ‘

सरल शब्दों में बीमा प्रदाता आपको और बीमा प्रदाता के बीच अनुबंध की शर्तों के अनुसार आपके नुकसान की भरपाई करता है। याद रखें कि आप उपरोक्त अनुबंध को लागू करने के लिए समय-समय पर प्रीमियम के रूप में शुल्क का भुगतान करते हैं।

इसकी आवश्यकता क्यों है?

दुर्घटना, स्वास्थ्य आपात स्थिति कभी भी किसी को भी हो सकती है और हम में से कई लोगों के पास इन आपात स्थितियों के लिए पर्याप्त बचत व तरल संपत्ति  भुगतान करने के लिए नहीं होती और कई बार इन स्थितियों के कारण अन्य लक्ष्यों या जरूरतों के लिए निर्धारित नकदी भंडार में अचानक कमी आ जाती है। कई लोग अस्पताल के बिलों के रूप में इन आपात स्थितियों में आवश्यक एक बड़ी राशि खर्च करने के बाद अपनी बुनियादी जरूरतों से वंचित हो जाते हैं, मूल आवश्यकताएं जैसे- किराया, ईएमआई, बिल, शुल्क आदि परिवार के सदस्य के नुकसान के बाद  आय हानि आदि।

ऊपर वर्णित घटनाओं  की संभावना एक व्यक्ति के लिए भले ही बहुत कम लगे , लेकिन अगर ऐसा होता है तो केवल एक ही समाधान  है कि उसे और उसके परिवार को वित्तीय पीड़ा से बचाने के लिए उसके पास बीमा उपकरण होना चाहिए जो किसी भी आपातकालीन स्थिति  से उत्पन्न व्यय से परिवार को सुरक्षित करता है |

बीमा कैसे खरीदें ?

सबसे पहले आपको यह विश्लेषण करने की आवश्यकता है कि आपके पास आपातकालीन निधि के रूप में कितनी तरल संपत्ति है और किसी भी दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना के बाद आप कैसे प्रभावित होंगे, चाहे वह अस्पताल में भर्ती हो, विकलांगता हो या सबसे दुर्भाग्यपूर्ण आपकी मृत्यु । आपको कम से कम वित्तीय दृष्टि से चीज़ को सेट करने के लिए आवश्यक किसी न किसी राशि का पता लगाना चाहिए। आपके पास पहले से मौजूद चिकित्सा और बीमा कवर का विश्लेषण करें और क्या वह पर्याप्त है। यदि संदेह है तो आप हमेशा बीमा एजेंट या ब्रोकर से संपर्क कर सकते हैं। लेकिन स्कीम के फाइन प्रिंट्स, पॉलिसी के फ़ाइन  एक्सक्लूजन (मतलब की पॉलिसी क्या क्या बीमारी या क्या क्या व्यय नहीं कवर करेगी या कितने साल बाद करेगी इत्यादि), राइडर्स, क्लेम प्रोसेस, क्लेम सेटलमेंट परफॉर्मेंस, रूम रेंट पर कोई भी कैप, को-पे आदि पढ़ने के बाद ही निर्णय लें। मैं बाद में इन्हें विस्तार से कवर करूंगा।

कुछ सबसे महत्वपूर्ण इंश्योरेंस हैं – टर्म / लाइफ इंश्योरेंस, हेल्थ इंश्योरेंस, पर्सनल एक्सीडेंट इंश्योरेंस। यह घर बीमा, चोरी, फायर बीमा आदि जैसे अन्य प्रकार के भी होते हैं |

मैं उपरोक्त मे से सबसे महत्वपूर्ण के बारे में जानकारी दूंगा-

अवधि /टर्म / जीवन बीमा:

यह सबसे बुनियादी और सबसे महत्वपूर्ण है। यह पॉलिसी धारक की मृत्यु के बाद नामांकित व्यक्ति को बीमित राशि का भुगतान  प्रदान करता है। यह आपके दुर्भाग्यपूर्ण निधन के बाद आपके आश्रितों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है जो की सुनिश्चित राशि (sum assured) कहलाती है । ध्यान देने की बात यह है की अगर पॉलिसी की अवधि के दौरान बीमा धारक की मृत्यु नही होती तो यह पॉलिसी कोई भी धन वापस नही देती | इस पॉलिसी मे आपको नियमित प्रीमियम / किस्त जमा करनी होगी जो की हर महीने / साल/एक मुस्त हो सकती है | किस्त आपकी उम्र ,आपकी आदतों(धूम्रपान,शराब सेवन ), सुनिश्चित राशि पर निर्भर करती है| जिनती कम उम्र मे आप ये पॉलिसी लेंगे उतना ही कम किस्त देय होगी, सामान्यतइस पॉलिसी को लोग रिटायरमेंट तक लेते है क्यूंकी उस उम्र तक आप पे निर्भर हिने वाले लोग नही बचते अर्थात वो सब आत्मनिर्भर बन जाते है |

कई बार लोग इस सामान्य पॉलिसी के लेने की बजाए अजेंट द्वारा प्रचारित एलआईसी की एण्डौमेंट ( Endowment ) पॉलिसी ले लेते जिसमे उनकी किस्त का भुगतान तथा बोनस भी मिलता है लेकिन ऐसी पॉलिसी मे बीमा की  सुनिश्चित राशि बहुत कम होती है और जो भुगतान आपको वापस मिलेगा उसका रिटर्न रेट भी बहुत कम होता है | इसलिए इससे बचे और लोगो को भी बचाए|

हमेसा साधारण – टर्म बीमा ही ले जिसमे ज्यादा बीमा राशि , कवरेज, उचित किस्त पर मिलता है तथा बीमा अवधि के बाद कोई भी  राशि वापस नहीं मिलती |

स्वास्थ्य बीमा:

यह पॉलिसी के नियमों और शर्तों के अनुसार बीमित व्यक्तियों को होने वाले स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों के लिए अस्पताल में भर्ती करने की लागत प्रदान करता है। यह व्यक्ति के साथ-साथ परिवार के फ्लोटर के रूप  में भी आता है। बहुत से ऐसे और यदि पॉलिसी दस्तावेज हैं, जिन्हें आपको खरीदने से पहले समझना होगा, लेकिन इसके बावजूद इसकी आवश्यकता से इंकार नहीं किया जा सकता है।

व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा:

यह दुर्घटनाओं से हुई मृत्यु ,विकलांगता-आंशिक / पूर्ण के खिलाफ बीमा प्रदान करता है, । यह बीमा अक्षमता की स्थिति में लाभकारी होता है क्योंकि दुर्घटना के कारण  हुई विकलांगता  से हुए आय मे कमी को इस बीमा से पूरा किया जा सकता है | ध्यान दे विकलांगता-आंशिक / पूर्ण टर्म / जीवन बीमा मे नही शामिल है क्यूँ की टर्म / जीवन बीमा मे केवल मृत्यु ही कवर है |

प्रमुख बीमा प्रदाता- ICICI, HDFC, मैक्स लाइफ, LIC इत्यादि है |

ध्यान दे:

  1. पॉलिसी खरीदने से पहले आप अपनी और फॅमिली की स्वास्थ्य संबंधी जानकारी पूर्ण रूप से फोरम मे भरे ताकि बाद मे आपके बीमा के दावे को इस गलत जानकरी देने के वजह से खारिज न किया जा सके |
  2. अपनी बीमा  की किस्त समय पर भरें जिससे पॉलिसी सुचारु रूप से जारी रहे |
  3. सभी पॉलिसी दस्तावेजो को ध्यान पूर्वक पढे न समझ आन पर  अजेंट की मदद ले या और जानकार लोगों की सहायता लें |

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